हिंदी की अभिलाषा और कविताएं काव्य होली March 29, 2021March 30, 2021प्रदीप वर्मा (हैहयवंशीय) हिंदी की अभिलाषा(राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के सुअवसर पर) विश्व की प्राचीन भाषा,सरल और समृद्ध भाषा,गर्व है,हूँ मैं हिंदीभाषी,हिंदी है मेरी मातृभाषा।देश की संस्कृति की छवि,संस्कारों का प्रतिबिंब है,विनयपूर्ण शब्दों से सज्जित,यह भाषा शान-ए-हिंद है।मधुरता और सरसता का,वेग है, ये प्रवाह है,मेरे देश की राष्ट्रभाषा,यह देशभक्ति का भाव है।इसके महत्व को भूलना न,गौरव की यह परिभाषा है,रहे सदा मातृभाषा का मान,यह हिंदी की अभिलाषा है।सिर्फ एक भाषा नही,हिंदी मेरी पहचान है,यह मेरा अभिमान है,मेरी शक्ति है,सम्मान है।रचनाकार :श्रीमति प्रीति ताम्रकारजबलपुर Author Recent Posts प्रदीप वर्मा (हैहयवंशीय)मास्टर इन कम्प्युटर एप्लिकेशन (MCA), मास्टर इन हिन्दी लिट्रेचर (MA, साहित्य), पी॰एस॰एम॰ (scrum॰org, यूएस), बेचलर ऑफ लॉं (LLB ऑनर),बेचलर ऑफ कॉमर्स, एम.एस.पी.सी.ए.डी. Latest posts by प्रदीप वर्मा (हैहयवंशीय) (see all) समाज सेवा, साहित्य एवं काव्य जगत के साश्वत हस्ताक्षर : श्री लक्ष्मीनारायण “उपेन्द्र” - March 29, 2021 वाराणसी के समाचार - March 29, 2021 मौनी रेखाएं - March 29, 2021