टेसुई यादें
टेसुई यादें फिर वसंत ने भेज दियाएंक खतमौलश्री के नाम ! सिलसिला फिर शुरु होगामनुहार कानेह-निष्ठ...
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Read Moreफिर धार किसलिए फिर धार किसलिए मुश्किल में जब कोई कामं न आये ।जीवन का बोलो फिर सार किसलिए। लिखा...
Read Moreरंग वसंत के (एक)कचनारी देह मेंपलाश रख गयी बयारवसंत आते आते! अंतस् के आँगन मेंअमलतास बौराएचाह के...
Read Moreवसंत गीत: वसंत ने ली अंगड़ाई गात अद्भुत प्रकृति निज सजाई, वसंत ने ली अंगड़ाई। ठंड खेल गई छुपन-छुपाई,...
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